इंडिया गेट भारत का प्रसिद्ध सैनिक समारक,जानकारी,इतिहास तथा रोचक तथ्य!India Gate India's famous military monument, information, history and interesting facts.
दोस्तों में आपके लिए नयी जानकारी लाया हूँ ! इंडिया गेट क बारे मैं,इंडिया गेट भारत के प्रसिद्ध स्मारको में से एक है यह हमारे भारतीय सैनिको को समर्पित है! तो आइए जानते है,भारत एक प्रसिद्ध सैनिक समारक इंडिया गेट के बारे में!
- इंडिया गेट की निर्माण 10 फरवरी 1921 से शुरू हो कर 12 फरवरी को 1931 ईसवी में पूरा करवाया गया !
- इंडिया गेट भारत की राजधानी नयी दिल्ली में स्तिथ है !
- इंडिया गेट का शुरुआत में नाम "ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल रखा गया था, लेकिन बाद में बदल कर इसे इंडिया गेट रख दिया गया!
- इसकी मुख्य प्रसिद्धि अमर जवान ज्योति से है!
इंडिया गेट का निर्माण क्यों किया गया:-भारतीय सेना के जो सैनिक द्वितीय विश्वव युद्ध में मारे गए थे उन्ही की याद में यह स्मारक बनवाया गया!
सामग्री का उपयोग;-इस स्मारक को बनाने के लिए पीला तथा लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट का प्रयोग किया गया है ,इसे वास्तुकला एडविन लुटियन्स ने डिजाइन किया था!
इंडिया गेट कैसे पहुंचे:- आपको यहाँ पहुँचने के लिए नई दिल्ली सटेशन से बस द्वारा ऑटो या टैक्सी से जा सकते है,और इसके निकटम मेट्रो स्टेशन पीले और बैंगनी लाइट जंक्शन पर केंद्रीय सचिवालय है !
इंडिया गेट किसे समर्पित है :- इंडिया गेट भारत की राजधानी नई दिल्ली के केंद्र में स्तिथ है,यह राष्ट्रयपति भवन से लगभग 2.3 km दूर ,यह राजपथ औपचारिक बालवर्ड के पूर्वी चरम पर स्तिथ है,यह समारक भारतीय सेना के सैनिको का सम्मान करने के लिए समर्पित है! जो 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए थे!
युद्ध समारक भवन प्रतिष्ठा,मूर्तियों या भवनों को या तो युद्ध में जीत मानाने के लिए समर्पित है! या श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए! इंडिया गेट पर लोगों के काफी भीड़ घूमने के लिए आती है यहाँ सड़क के भोजन पर सनेकिंग के साथ फुब्बारे तथा लाइट शो का आनंद लेते हैं ! 1947 के बाद मारे गए सभी सशस्त्रा बलों के सदस्यों का सम्मान करने के लिए एक राष्ट्रीय यद्ध समारक भारत के गेट "सी' हेक्सागॉन मैं निर्माणाधीन हैं!
युद्ध समारक भवन प्रतिष्ठा,मूर्तियों या भवनों को या तो युद्ध में जीत मानाने के लिए समर्पित है! या श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए! इंडिया गेट पर लोगों के काफी भीड़ घूमने के लिए आती है यहाँ सड़क के भोजन पर सनेकिंग के साथ फुब्बारे तथा लाइट शो का आनंद लेते हैं ! 1947 के बाद मारे गए सभी सशस्त्रा बलों के सदस्यों का सम्मान करने के लिए एक राष्ट्रीय यद्ध समारक भारत के गेट "सी' हेक्सागॉन मैं निर्माणाधीन हैं!
इंडिया गेट का इतिहास:- मूल रूप से अखिल भारतीय युद्ध समारक नामित इंडिया गेट अविभाजित भारतीय सेना 82000 सैनिको को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया था! जिन्होंने विश्व युद्ध (1914 -1918) में ब्रिटिश राज्य के लिए अपनी जिंदगी खो दी थीऔर तीसरा एंग्लो -अफगान युद्ध 1917 ब्रिटिश इम्पीरिअल वॉर कब्र आयोग (आईडब्लूजीसी) के हिस्से के रूप में किया गया था!
फाउंडेशन स्टोन 10 फरवरी 1921 को कनॉट के दौरे के डयूक द्वारा रखी गई थी,एक सैन्य समारोह में 4:30 बजे मुख्य, और फ़्रेडरिक थिसिगर में कमांडर,उस समय भारत का वायसराय कौन था, जो 1 वैंगाउट चेम्सफोर्ड भी मौजूद था समारोह ने 59 वें सिंडे राइफल्स,तीसरे सैपर्स एंड माइनर्स,डेक्कन हॉर्स, 6 वें जाट लाइट इंफैंट्री,39 वें गढ़वाल राइफल,34 वें सिख पायनियर,117 यह परियोजना दस साल बाद 1931 में पूरी की गयी थी और 12 फरवरी,1931 को वायसराय,लार्ड इरविन द्वारा ुब्ड़घाटन किया गया था!
26 जनवरीको हर साल गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रयपति भवन से शुरू होता है! और चारों और प्रगति करता है ! परेड़ रक्षा प्रौधिगिकी के क्षेत्र में नवीनतम उपलब्धियों के साथ साथ देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में नवीनतम उपलब्धियों को प्रदर्शीत करता है! शुरुआत में इसका नाम ऑल इंडिया वॉर था जो बाद मैं बदल कर इंडिया गेट रख दिया गया था
फाउंडेशन स्टोन 10 फरवरी 1921 को कनॉट के दौरे के डयूक द्वारा रखी गई थी,एक सैन्य समारोह में 4:30 बजे मुख्य, और फ़्रेडरिक थिसिगर में कमांडर,उस समय भारत का वायसराय कौन था, जो 1 वैंगाउट चेम्सफोर्ड भी मौजूद था समारोह ने 59 वें सिंडे राइफल्स,तीसरे सैपर्स एंड माइनर्स,डेक्कन हॉर्स, 6 वें जाट लाइट इंफैंट्री,39 वें गढ़वाल राइफल,34 वें सिख पायनियर,117 यह परियोजना दस साल बाद 1931 में पूरी की गयी थी और 12 फरवरी,1931 को वायसराय,लार्ड इरविन द्वारा ुब्ड़घाटन किया गया था!
26 जनवरीको हर साल गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रयपति भवन से शुरू होता है! और चारों और प्रगति करता है ! परेड़ रक्षा प्रौधिगिकी के क्षेत्र में नवीनतम उपलब्धियों के साथ साथ देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में नवीनतम उपलब्धियों को प्रदर्शीत करता है! शुरुआत में इसका नाम ऑल इंडिया वॉर था जो बाद मैं बदल कर इंडिया गेट रख दिया गया था
सरंचना और वास्तुकला:- अखिल भारतीय युद्ध समारक को सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था वह उस समय के प्रमुख युद्ध स्मारक डिजाइनर थे (आई डब्ल्यू जी सी )के एक सदस्य उन्होंने 1919 मैं लंदन मैं सेनोटैफ सहित यूरोप में छब्बीस युद्ध स्मारक तैयार किये थे सेनोटैफ प्रथम विश्व युद्ध के बाद बनाया गया! पहला युद्ध समारक है,और डेविड लॉर्ड जॉर्ज समकालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री द्वारा कमीशन किया गया था
इसका डिजाइन पेरिस,फ्रांस में आर्क डी ट्रायम्फ के सम्मान एक विजयी मेहराब है! 625 मीटर और 360000m2 के कुल क्षेत्रफल के साथ एक हेक्सागॉनल परिसर के केंद्र में स्तिथ, इंडिया गेट 42 मीटर ऊँचाई और 9.1 मीटर चौड़ाई है! निर्माण सामग्री मुख्य रूप से लाल तथा पीले रंग के सैंडस्टोन भरतपुर से प्राप्त की जाती है!सरंचना कम आधार पर खड़ी है !और शीर्ष पर एक उथले गुंब्बद के साथ मुकुट विषम चरणों में उगता है!
यह समारक जॉर्ज पंचम से भी जुड़ा है,इंडिया गेट के सामने एक छतरी है! जिसके निचे एक बार जॉर्ज पंचम की प्रतिभा उनके राज्याभिषेक के बाद,इम्पीरियल स्टेट crown,ब्रिटिश गलोबस क्रुसिगर और राजदंड में खड़ी थी बाद में मूर्ति को 1960 में स्थान्तरित कर दिया और खाली चंदवा भारत से ब्रिटिश पीछे हटने का प्रतीक है!
समारक की दिवारों पर देश के हजारों वीरों के नाम अंकित किए गए हैं,जिन्होंने अपने देश का नाम रोशन किया,यह भारत का प्रसिद्ध स्मारक हैं,रात को इसकी छवि देखने से बनती है ,इसलिए भारत के कोने से इसे देखने के लिए लोग आते हैं!
इसका डिजाइन पेरिस,फ्रांस में आर्क डी ट्रायम्फ के सम्मान एक विजयी मेहराब है! 625 मीटर और 360000m2 के कुल क्षेत्रफल के साथ एक हेक्सागॉनल परिसर के केंद्र में स्तिथ, इंडिया गेट 42 मीटर ऊँचाई और 9.1 मीटर चौड़ाई है! निर्माण सामग्री मुख्य रूप से लाल तथा पीले रंग के सैंडस्टोन भरतपुर से प्राप्त की जाती है!सरंचना कम आधार पर खड़ी है !और शीर्ष पर एक उथले गुंब्बद के साथ मुकुट विषम चरणों में उगता है!
यह समारक जॉर्ज पंचम से भी जुड़ा है,इंडिया गेट के सामने एक छतरी है! जिसके निचे एक बार जॉर्ज पंचम की प्रतिभा उनके राज्याभिषेक के बाद,इम्पीरियल स्टेट crown,ब्रिटिश गलोबस क्रुसिगर और राजदंड में खड़ी थी बाद में मूर्ति को 1960 में स्थान्तरित कर दिया और खाली चंदवा भारत से ब्रिटिश पीछे हटने का प्रतीक है!
समारक की दिवारों पर देश के हजारों वीरों के नाम अंकित किए गए हैं,जिन्होंने अपने देश का नाम रोशन किया,यह भारत का प्रसिद्ध स्मारक हैं,रात को इसकी छवि देखने से बनती है ,इसलिए भारत के कोने से इसे देखने के लिए लोग आते हैं!
अमर जवान ज्योति:-
इंडिया गेट आर्क के नीचे स्तिथ उल्टा ऐल स्वलोडिंग राइफल की स्थापना है! जिसे ब्लैक मार्बल में बने एक चौंकी पर युद्ध हेल्मेट द्वारा छाया गया है!अमर जवान ज्योति के स्थाई रूप से जलने के लिए सी एन जी का प्रयोग किया जाता है,यह पाइप लाईन कस्तूरबा मार्ग से इंडिया गेट तक बिछाई गई है!इस सरंचना के चारों ओर चार विमान और सेनोटाफ के प्रतेक चेहरे में ''अमर जवान''शब्द सोने में अंकित किए गए हैं!
अमर जवान ज्योति को 1971 ईस्वी में बांग्लादेश की मुक्ति के बाद कार्यवाही में मारे गए भारतीय सैनिको को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाया गया था,अमर जवान ज्योति को भारतीय शास्त्र बलों द्वारा 24x7के सदस्यों द्वारा बनाया गया था! 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी द्वारा इसका ुब्ड़घाटन किया गया था!
26 जनवरी को अमर जवान ज्योति में मानद पुष्पांजलि,भारत के प्रधान मंत्री और भारतीय शास्त्र बलों के प्रमुखों द्वारा विजय दिवस और इन्फैंट्री दिवस में रखा जाता है
इंडिया गेट आर्क के नीचे स्तिथ उल्टा ऐल स्वलोडिंग राइफल की स्थापना है! जिसे ब्लैक मार्बल में बने एक चौंकी पर युद्ध हेल्मेट द्वारा छाया गया है!अमर जवान ज्योति के स्थाई रूप से जलने के लिए सी एन जी का प्रयोग किया जाता है,यह पाइप लाईन कस्तूरबा मार्ग से इंडिया गेट तक बिछाई गई है!इस सरंचना के चारों ओर चार विमान और सेनोटाफ के प्रतेक चेहरे में ''अमर जवान''शब्द सोने में अंकित किए गए हैं!
अमर जवान ज्योति को 1971 ईस्वी में बांग्लादेश की मुक्ति के बाद कार्यवाही में मारे गए भारतीय सैनिको को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाया गया था,अमर जवान ज्योति को भारतीय शास्त्र बलों द्वारा 24x7के सदस्यों द्वारा बनाया गया था! 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी द्वारा इसका ुब्ड़घाटन किया गया था!
26 जनवरी को अमर जवान ज्योति में मानद पुष्पांजलि,भारत के प्रधान मंत्री और भारतीय शास्त्र बलों के प्रमुखों द्वारा विजय दिवस और इन्फैंट्री दिवस में रखा जाता है
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